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लेखनी प्रतियोगिता -13-Mar-2023-मेहँदी


सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी" मंच को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
कविता
शीर्षक -- 🌹मेहँदी🌹
दिनांक -- १३.०३.२०२३
दिन -- सोमवार
दैनिक प्रतियोगिता 
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मैं  मेहँदी  मैं हिना  मैं तो  बस  अरमान हूँ,
मन की अभिव्यक्ति अधरों की मुस्कान हूँ।
उम्मीद  की  किरणों से  सजी  लालिमा हूँ,
जी मैं  नारियों की  सुहाग की  पहचान हूँ।

किसी  का  सुखद  खुशनुमा  अहसास हूँ,
आकांक्षाओं  को  तृप्त   करती  प्यास हूँ।
उमंग से  रंग  मिले  सुमन  हिय  के खिले,
मन  मीत  का  प्रीत  संजोती   विश्वास हूँ।

हाथ  पैर  और  बालों में  लगाई  जाती हूँ,
शुभ घड़ी  शुभ  लग्न में सजाई  जाती हूँ।
मैं किसी  खास  धर्म  का  मोहताज  नहीं,
सभी धर्मों में  आदर सहित पाई जाती हूँ।

मेहँदी लगाओ तो  किस्मत संवर  जाएगी,
खुशियों की  बारात भी  घर कर  जाएगी।
विश्वास ना हो तो  एक बार  लगाकर देख,
ज़िन्दगी तेरी सज धजकर निखर जाएगी।

            🙏🌹 मधुकर 🌹🙏

(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, 
झारखंड, स्वरचित सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)


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9 Comments

sunanda

14-Mar-2023 05:09 PM

nice

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बहुत खूब

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Abhinav ji

14-Mar-2023 07:37 AM

Very nice 👌

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